Fictions

टिफ़िन

tumblr_lj9pk0qmnt1qbs8kzo1_1280

एक दिन जब कपड़े धोने के लिए उनकी तीसरी शर्ट की महक ली, तो उसकी खुश्बू अलग थी। उनके रोज़ वाला पर्फ्यूम नहीं था।

वो शाम को देर से आए। बहुत सोचा, लेकिन मैं पूछ न पाई कुछ।

अगली सुबह वो तैयार हुए ऑफिस को जाने को, मैंने भी डिब्बे मे सब्ज़ी की जगह एक चमच वजह डाल दिया।

“आज मैं टिफ़िन नहीं लेके जाऊँगा।” उन्होंने जवाब दिया। “सब्जी की महक सभी को मेरे टेबल पर खिंच ले आती हैं, और मेरे खाने को कुछ नहीं बचता|”

Standard

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.